आज का समय पूरी तरह से इंटरनेट का पर काम करता है। इंटरनेट का नेटवर्क वीक होने से लेकर सॉफ्टवेयर का सर्वर डाउन होना दुनिया की रफ्तार को रोक सकता है। 19 जुलाई का दिन, जो ग्लोबल आउटेज के नाम से याद किया जाएगा। इस दिक्कत का सामना भारत से लेकर अमेरिका और सिंगापुर से जापान तक सब की रफ्तार एक बग ने रोक दिया है। इसके कारण दुनियाभर की उड़ानें बंद  और बैंकिंग सेवाएं बंद हो गई। यहां तक की दुनिया में सबसे बड़ा रोल अदा करने वाली रेल सेवाएं भी बाधित हो गई थी। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर ऐसा क्यों हुआ।

जानें क्या है CrowdStrike?

समय के साथ बेहतरीन काम करने के लिए सभी सॉफ्टवेयर और  कंपनियों नए-नए बदलाव करती है, जिसके रिजल्ट हम भी फीचर के रूप में देखते रहते हैं। ऐसा ही कुछ 19 जुलाई को हुआ था। बता दें कि माइक्रोसॉफ्ट द्वारा जारी किए गए अपडेट को CrowdStrike ने रिलीज किया था। CrowdStrike एक ऐसी कंपनी है जो क्लाउड आधारित साइबर सिक्योरिटी की सुविधा मुहैया करती है। इस कंपनी की सेवा लेने वाले यूजर्स इने ज्यादा है, जिसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं, कि इसे रूकने मात्र से पूरी दुनिया 50 साल पीछे चली गई है। कार्पोरेट सेक्टर से लेकर हाई जहाज तक। 
सरल शब्दों में कहे, तो CrowdStrike एक प्रकार का क्लाउड आधारित एंटीवायरस है। CrowdStrike साइबर खतरों को चेक करने के लिए एआई और Falcon का उपयोग करता है। CrowdStrike का सॉफ्टवेयर कंपनियों के सिस्टम को साइबर अटैक से बचाने का काम करता है। CrowdStrike ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरीके से साइबर सिक्योरिटी देता है।