महानदी नदी के किनारे बसा संभलपुर वास्तव में एक अद्भुत शहर है। यह ओडिशा के इतिहास से भरा हुआ है और अपनी प्राचीन परंपराओं, प्राकृतिक सौंदर्य और जीवंत जनजातीय संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है। यह शहर पर्यटकों के लिए कई तरह के अनुभव प्रदान करता है।

जब आप संभलपुर में कदम रखते हैं, तो आपको आध्यात्मिक आकर्षणों, मनमोहक प्राकृतिक दृश्यों और रंगीन जनजातीय परंपराओं का अनोखा संगम देखने को मिलता है। चाहे आप प्रकृति प्रेमी हों, इतिहास के जानकार हों या आध्यात्मिक स्थानों की तलाश में हों  संभलपुर में सबके लिए कुछ न कुछ है।

1. हीराकुंड बांध

संभलपुर की यात्रा हीराकुंड बांध देखे बिना अधूरी मानी जाती है। यह ओडिशा की एक इंजीनियरिंग की अद्भुत रचना है और दुनिया के सबसे लंबे मिट्टी के बांधों में से एक है, जो महानदी नदी पर बना है। यह सिर्फ एक बांध नहीं है, बल्कि एक शांतिपूर्ण स्थान भी है। यहां का विशाल जलाशय पक्षी-विहार, फोटोग्राफी और सूर्यास्त का आनंद लेने के लिए उपयुक्त है। इसके पास स्थित जवाहर मीनार से बांध और आसपास के प्राकृतिक सौंदर्य का शानदार दृश्य दिखाई देता है।

2. माँ समलेश्वरी मंदिर – संभलपुर का आध्यात्मिक हृदय

शहर के केंद्र में स्थित माँ समलेश्वरी मंदिर देवी माँ समलेश्वरी को समर्पित है, जिनके नाम पर इस शहर का नाम पड़ा है। 16वीं शताब्दी में निर्मित यह मंदिर पश्चिम ओडिशा और छत्तीसगढ़ के लोगों के लिए एक प्रमुख धार्मिक केंद्र है। नुआखाई, जो इस क्षेत्र का एक प्रमुख फसल उत्सव है, के दौरान यह पूरा क्षेत्र उत्सव के रंग में डूबा होता है।

3. देब्रीगढ़ वन्यजीव अभयारण्य

शहर से थोड़ी दूरी पर स्थित देब्रीगढ़ वन्यजीव अभयारण्य एक छुपा हुआ प्राकृतिक खजाना है। यह स्थान प्रकृति प्रेमियों और साहसिक यात्रियों के लिए एक आदर्श स्थल है। अभयारण्य में घने जंगल और चट्टानी पहाड़ियाँ हैं। यहां तेंदुए, भालू, नीलगाय और कई प्रकार के पक्षी पाए जाते हैं।

4. हुमा का झुका हुआ मंदिर – वास्तुकला का रहस्य

हुमा का झुका हुआ मंदिर एक अद्भुत स्थल है जो अपनी अनोखी वास्तुकला और रहस्यमयी इतिहास के कारण लोगों को आकर्षित करता है।