बरसात के मौसम में हिबिस्कस के पौधे की देखभाल करना चुनौतीपूर्ण और फायदेमंद दोनों हो सकता है। बढ़ी हुई नमी और ठंडा तापमान इन फूलों को पनपने में मदद करता है, लेकिन इस दौरान लगने वाले कीट और फंगल रोगों का जोखिम रहता है। अगर आप अपने पौधे में ढेर सारे फूल पाना चाहती हैं, तो इन उपायों को अपना सकती हैं।


छंटाई करें

हिबिस्कस पौधों के स्वास्थ्य और लंबे समय तक हेल्दी बनाए रखने के लिए छंटाई करना इस बेहतर ऑप्शन है।नियमित रूप से पीली पत्तियों और मृत तनों को हटाने से पौधे की ऊर्जा को नए विकास और फूल की ओर पुनर्निर्देशित करने में मदद मिलती है। रोगग्रस्त या मरती हुई पत्तियां, कीटों और बीमारियों को दावत दे सकती हैं, जो पौधे के स्वस्थ भागों में फैल सकती हैं। इनकी छंटाई करके, आप न केवल पौधे की उपस्थिति में सुधार करते हैं, बल्कि इसके समग्र स्वास्थ्य में भी सुधार करते हैं।


नीम तेल कीटनाशक का उपयोग

मानसून के मौसम में, हिबिस्कस के पौधे कीटों के संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं। नीम का तेल एक प्राकृतिक और प्रभावी कीटनाशक है जिसका उपयोग आपके पौधों को विभिन्न कीटों से बचाने के लिए किया जा सकता है। नीम के पत्तों के पानी के घोल को कीटों के हमलों को रोकने और नियंत्रित करने के लिए पौधे की पत्तियों, मिट्टी और कलियों पर भी लगाया जा सकता है।

  • नीम के तेल को इस्तेमाल करने की मात्रा के अनुसार पानी में मिलाएं।

  • अब हिबिस्कस के पत्तों और मिट्टी पर घोल का छिड़काव करें।
  • हर दो सप्ताह में या भारी बारिश के बाद छिड़काव दोहराएं।


मिट्टी की करें गुड़ाई

 

  • अपने हिबिस्कस पौधों के आस-पास की मिट्टी की गुड़ाई करने से पौधों की जड़ों में हवा का संचार बेहतर तरीके से होता है, जो जड़ों के स्वास्थ्य के लिए ज़रूरी है।
  • मिट्टी जड़ों को पोषक तत्वों और पानी को डालते समय ध्यान रखें। 
  • इसके अलावा, मिट्टी में नीम केक पाउडर मिलाने से कीटों और फफूंद के हमलों को रोका जा सकता है, जिससे मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है।
  • बारिश के दौरान मिट्टी में पानी को रुकने न दें। 
  • मिट्टी में फफूंद हाटने के लिए दालचीनी पाउडर का छिड़काव करें।